भारत में छोटे व्यवसायों के लिए शीर्ष 5 सरकारी ऋण योजनाएँ

हाल ही में भारत को विश्व का इकलौता सही मायनों में उभरता हुआ बाजार घोषित किया गया था। इस विकास को रफ़्तार देने में देश के माइक्रो, छोटे व मध्यम एंटरप्राइज़ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। एसएमई (SME) सेक्टर का जीडीपी में कुल योगदान 40% है और भारत की बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए ये रोज़गार का एक अहम ज़रिया हैं। नोटबंदी के बाद के दौर में सरकार ने एसएमई के विकास के महत्व को पहचान कर कुछ नई बिज़नेस लोन स्कीम शुरू करने के साथ पहले की स्कीम को भी बेहतर किया है। यहाँ हम भारत सरकार द्वारा शुरू की गई 5 सबसे बेहतर लोन स्कीम के बारे में बताएँगे जिनका इस्तेमाल करके आप छोटे बिज़नेस को फाइनेंस करने का लाभ उठा सकते हैं।
सिर्फ 59 मिनटों में MSME बिज़नेस लोन
शायद, इस वक़्त की सबसे ज़्यादा प्रचलित लोन स्कीम ‘सिर्फ 59 मिनटों में MSME बिज़नेस लोन’ है, जिसकी घोषणा सबसे पहले सितम्बर 2018 में की गई थी। इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले लोन आर्थिक मदद देने और MSME विकास को बढ़ावा देने के लिए दिए जाते हैं। नए या मौजूदा, दोनों ही तरह के बिज़नेस ₹1 करोड़ तक की आर्थिक मदद लेकर इस तरह के लोन का फ़ायदा उठा सकते हैं। इस लोन की प्रक्रिया पूरा होने में 8-12 दिनों तक का वक़्त लगता है, लेकिन लोन को मंज़ूरी मिलेगी या नहीं, इसका फ़ैसला लोन के लिए अप्लाई करने के 59 मिनटों के अंदर ही हो जाता है। यह एक तरह की री-फाइनेंसिंग स्कीम है, जिसमें 5 अधिकृत पब्लिक सेक्टर बैंक लोन के लिए फंड प्रदान करेंगे। ब्याज की दर आपके बिज़नेस और क्रेडिट रेटिंग पर निर्भर करती है। मूल राशि (प्रिंसिपल अमाउंट) या ब्याज पर सब्सिडी देने पर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
इस स्कीम के तहत बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करने के लिए आपको जीएसटी वेरिफिकेशन, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन, बैंक अकॉउंट के पिछले 6 महीनों के स्टेटमेंट, बिज़नेस के मालिकाना हक़ से जुड़े डॉक्यूमेंट व केवाईसी विवरण की ज़रूरत पड़ेगी। इस बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करने व उसकी मंज़ूरी से जुड़ी अन्य जानकारी आपको SIDBI पोर्टल पर मिल सकती है।
मुद्रा लोन
माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड री-फाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) भारत सरकार द्वारा स्थापित एक संस्था है जो माइक्रो बिज़नेस यूनिट को बिज़नेस फाइनेंस उपलब्ध करवाती है। इस स्कीम के तहत दिए जाने वाले लोन “ज़रूरतमंद को आर्थिक मदद” की नीति के तहत दिए जाते हैं। कई बार छोटी कंपनियां व स्टार्ट-अप को फाइनेंस के लिए खुद ही रास्ते निकालने पड़ते हैं, इसलिए सरकार ने कम क्रेडिट वाली स्कीम निकाली हैं। मुद्रा लोन भी री-फाइनेंस बिज़नेस लोन होते हैं, जिनकी मंज़ूरी व वितरण इस स्कीम के तहत आने वाले पब्लिक सेक्टर बैंक, प्राइवेट सेक्टर बैंक, को-ऑपरेटिव सोसाईटी, छोटे बैंक, शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंक व ग्रामीण बैंक द्वारा किया जाता है। ये लोन आमतौर पर माइक्रो या छोटे बिज़नेस वालों को दिया जाता है, खासतौर पर उन्हें जो मैनुफैक्चरिंग, ट्रेडिंग या सर्विस सेक्टर से जुड़े होते हैं। मुद्रा लोन का वर्गीकरण कुछ इस तरह है:
- शिशु लोन – ₹50,000/-तक
- किशोर लोन – ₹5,00,000/-तक
- तरुण लोन – ₹10,00,000/-तक
माइक्रो व छोटे उद्यमों (एंटरप्राइज़) के लिए क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम
CGMSE को पहली बार साल 2000 में माइक्रो व छोटे उद्यमों (एंटरप्राइज़) की आर्थिक मदद के लिए लॉन्च किया गया था। ये उन सभी नए व मौजूदा बिज़नेस को कोलेटरल (गिरवी) के बिना क्रेडिट देता है जो इसके पैमाने पर खरे उतरते हैं। इस स्कीम के ज़रिए बिना किसी कोलेटरल(गिरवी) के ₹10 लाख तक के वर्किंग कैपिटल लोन लोन दिए जा सकते हैं। हालांकि, 10 लाख से ज़्यादा व एक करोड़ से कम राशि वाले लोन के लिए आपको ज़मीन या बिल्डिंग को मॉर्गेज या प्राथमिक सिक्योरिटी के तौर पर रखनी होगी और ऐसे योग्य अकॉउंट क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फ़ॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइज़ेस (CGTMSE) के तहत कवर किये जाते हैं। लोन की राशि ₹10 लाख से ज़्यादा होने पर लोन सुविधा से बनाई गई बिज़नेस यूनिट से जुड़ी संपत्ति को भी सिक्योरिटी के तौर पर माना जाता है।
इन बिज़नेस लोन को उन पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों द्वारा फाइनेंस किया जाता है जो इस स्कीम के तहत कवर किये जाते हैं।
नेशनल स्मॉल इंडस्ट्रीज़ कॉर्पोरेशन सब्सिडी
छोटे बिज़नेस के लिए NSIC सब्सिडी दो तरह के आर्थिक फ़ायदे देती है – कच्चा माल ख़रीदने में मदद और मार्केटिंग में मदद। NSIC की कच्चा माल ख़रीदने में मदद स्कीम के तहत देशी और विदेशी दोनों तरह का कच्चा माल आता है। मार्केटिंग में मदद के तहत SMEs को फंड दिया जाता है जिससे बिज़नेस अपने प्रॉडक्ट व सर्विस की मार्केट वैल्यू और मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ाते हैं। NSIC ख़ास तौर पर उन छोटे और मध्यम एंटरप्राइज़ को फंड करने की ओर ध्यान देती है जो अपनी मैनुफैक्चरिंग की क्वालिटी व क्वांटिटी को सुधारना/बढ़ाना चाहते हैं।
टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए क्रेडिट लिंक कैपिटल सब्सिडी स्कीम
यह स्कीम तकनीकी अपग्रेडेशन को फाइनेंस करके छोटे व्यवसायों को अपनी प्रक्रिया अपग्रेड करने का मौका देती है। यह तकनीकी अपग्रेडेशन संगठन के अंदर कई प्रक्रियाओं जैसे की मैन्युफेक्चर, मार्केटिंग, सप्लाई चैन आदि से जुड़ा हो सकता है। सरकार CLCSS स्कीम के ज़रिए छोटे व मध्यम उद्यमों के माल व सर्विस के उत्पादन का ख़र्च कम करना चाहती है, जिससे वे कीमतों के मामले में घरेलू व अंतराष्ट्रीय मार्केट के साथ मुक़ाबले में रह सकें। यह स्कीम मिनिस्ट्री ऑफ स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज़ द्वारा चलाई जाती है। CLCSS योग्य बिज़नेस के लिए सीधे-सीधे 15% कैपिटल सब्सिडी देती है। हालाँकि, इस स्कीम के तहत सब्सिडी के तौर पर अधिकतम ₹15 लाख की राशि का लाभ उठाया जा सकता है। इस बिज़नेस लोन स्कीम के दायरे में एकमात्र स्वामित्व, पार्टनरशिप वाली फर्म, सहकारी, प्राइवेट और पब्लिक लिमिटेड कंपनियां आती हैं।
एक विकल्प: लेंडिंगकार्ट पर मिलने वाले क्विक बिज़नेस लोन
वैसे ये सभी स्कीम देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और बढ़ाने के लिए पिछली और वर्तमान भारतीय सरकारों की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं, लेकिन स्कीम को असरदार बनाने के लिए अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। उदाहरण के लिए, सरकार द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले री-फाइनेंसिंग और सब्सिडी मॉडल, बिज़नेस लोन के ‘क्विक’ फैक्टर अब भी कोसों दूर है। चूंकि ये लोन अनिवार्य तौर पर सरकार द्वारा स्पोंसर किये जाने वाले बैंकों की और से दिए जाते हैं, इसलिए इस पूरी प्रक्रिया में हफ्तों या महीनों लग जाते हैं, जो कि उस छोटे बिज़नेस मालिक के लिए अच्छा नहीं होता जिसे अपने बिज़नेस के लिए जल्दी पैसों की ज़रूरत होती है। यहाँ तक कि इन सभी स्कीम में सबसे महत्वाकांक्षी “59 मिनटों में MSME लोन” के लिए भी असल में 2 हफ़्तों तक का वक्त लग ही जाता है।
वहीं दूसरी ओर, Lendingkart जैसी गैर-बैंकिंग फ़ाइनेंशियल कंपनियों द्वारा MSME फाइनेंस को 72 घंटों के अंदर मंज़ूर करके वितरित कर दिया जाता है। इसमें लोन मंज़ूर करने और वितरण के लिए कागज़ी कार्रवाई और सदियों पुरानी प्रोसेसिंग तकनीकों का इस्तेमाल करने के बजाय बिज़नेस एनालिटिक्स और ऑनलाइन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया.जाता है। उदाहरण के लिए, Lendingkart अपनी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के ज़रिए ऑनलाइन बिज़नेस लोन देता है। बस बिज़नेस लोन के लिए अप्लाई करने के लिए लॉग-इन करें, उसी दिन लोन का अप्रूवल पाएँ, लोन के राशि पर रज़ामंदी दें और वेरिफिकेशन के लिए अपने कागज़ातों को डिजिटल तौर पर अपलोड करें। पूरी प्रक्रिया में मुश्किल से 10 मिनट का समय लगता है और वेरिफिकेशन का काम 3 दिनों के अंदर पूरा हो जाता है। जितने समय में सरकार आपको लोन देती, उस समय के एक चौथाई समय में आपको अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए लोन मिल जाता है।
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